MUKHTAR ANSARI तोते की तरह ED के सामने खोले अपने पुराने राज
मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार हुए बाहुबली माफिया मुख्तार अंसारी ने अपने दो गुर्गों का नाम बताया है। दोनों का तालुक पूर्वांचल के अलग अलग प्रभावी इलाकों से हैं और उनका मुख्तार से काफी पुराना नाता रहा है। दरअसल, रिपोर्ट के अनुसार सूत्रों का कहना है कि प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की टीम ने माफिया से कई सवाल किए हैं। इसी दौरान जब मुख्तार अंसारी से पूछा गया कि ठेका लेने के दौरान डील कौन करता था तो वो पहले तो चुप रहा। फिर कुछ देर बाद उसने अपने ड्राइवर और एक और व्यक्ति का नाम लिया।
दोनों का नाम अब्बास और आसिफ है। साथ ही खुलासा हुआ कि दोनों मुख्तार के खास गुर्गे थे जो उसे भाई कहते थे। इन खुलासों के बाद अब यूपी पुलिस माफिया से पूछ्ताछ और चार्जशीट तैयार करने में एक साथ काम कर रही हैं। इन खुलासों के बाद अब यूपी पुलिस माफिया से पूछ्ताछ और चार्जशीट तैयार करने का काम एक साथ कर रही है। साथ ही उन दोनों से यह भी पता लगाया जाएगा कि किस किस सरकारी दफ्तर में कौन कौन से अधिकारी माफिया के लिए डायरेक्ट या इंडाइरेक्ट काम करते थे। मुख्तार के बयानों का सार निकाला जा रहा है।
बता दें कि मनी लॉन्ड्रिंग केस में माफिया 12 दिनों से ईडी की कस्टडी में है और उससे सवाल जवाब किया जा रहा है।
मोहम्मदाबाद के फाटक के रहने वाले मुख्तार अंसारी चार दशक से जरायम की दुनिया में है। इस दौरान कई चर्चित आपराधिक घटनाओं में मुख्तार अंसारी का नाम सामने आया है। पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी पर विश्व हिंदू परिषद के कोषाध्यक्ष कोयला कारोबारी नन्द किशोर रुंगटा का अपहरण करवाने का भी आरोप लगा था। इसके पीछे उसकी मंशा चुनाव लड़ने के लिए पैसे का इंतजाम करना था। 3,00,00,000 की फिरौती के लिए अपने गुर्गे 5,00,000 के इनामी अताउर्रहमान उर्फ बाबू उर्फ सिकंदर को वारदात को अंजाम देने के लिए लगाया गया था।
अपहरण के बाद उसका शव प्रयागराज में ठिकाने लगा दिया गया है। इस दौरान मुख्तार अंसारी को जेल में रहना पड़ा था। ये रिपोर्ट क्राइम तक।