काशीपुर धूमधाम से मनाया गया तीज उत्सव
अज़हर मलिक
उत्तराखंड में भी तीज का त्यौहार धूमधाम से मनाया गया महिलाओं ने जहां तीज पर गीत गुनगुनाए तो वही युवतियों ने भी झूला झूल कर जमकर आनंद उठाया तीज पर्व पर बाजारों में खूब खरीदारी की इस पर्व पर शहर की महिलाएं पार्कों में झूला झूलने वह ग्रामीण क्षेत्रों की महिला घरों में तालाबों के किनारे नेहरू के पास झूला बांधकर पर्व का जमकर आनंद उठाती है रीति-रवाजों के साथ त्यौहार को मनाती हैं, कुछ तस्वीरें काशीपुर चाहिए सामने आई है जान धूमधाम से तीज का पर्व मनाया गया, महिलाओं ने मेहंदी लगा झूला झूलते हुए सावन के गीत गाए। शादीशुदा महिलाओं ने अपने पति के लिए व्रत रख,
यह व्रत भी हरियाली तीज और कजरी तीज की तरह ही निर्जला रखा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधिवत पूजा करने का विधान है। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्रत रखती हैं और कुंवारी कन्याएं मनचाहा वर प्राप्त करने के लिए इस व्रत को रखती है। इस तीज में महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं। तीज की शाम के समय महिलाएं श्रृंगार करते हुए भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश और कार्तिकेय की पूजा करती हैं। हरतालिका तीज व्रत रखने और पूजा करने से सौभाग्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। हरतालिका तीज के दिन तृतीया तिथि में ही भगवान शिव व माता पार्वती का पूजन करना चाहिए।
( सुमन देवी, किरन छेत्री ,रक्षा छेत्री ,दीपाली मतवाला , शोभा ठाकुरी , शीतल राणा ,पिंकी तानिया )
तृतीया तिथि में पूजा गोधली और प्रदोष काल में की जाती है। चतुर्थी तिथि में पूजा मान्य नहीं, चतुर्थी तिथि में व्रत पारण किया जाता है। नवविवाहिताएं पहले इस तरह को जिस तरह रख लेंगी हमेशा उन्हें उसी प्रकार इस व्रत को करना होगा। इसलिए इस बात का ध्यान रखना है कि पहले व्रत से जो नियम आप उठाएं उनका पालन करें। अगर निर्जला ही व्रत रखा था तो फिर हमेशा निर्जला ही व्रत रखें। आप इस व्रत में बीच में पानी नहीं पी सकते। हरतालिका तीज का व्रत बार शुरू करने के बाद आपको कम से कम साल भर रखना होगा। अगर किसी साल बीमार हैं तो व्रत छोड़ नहीं सकते। ऐसे में आपको उदयापन करना होगा या अपनी सास या देवरानी को व्रत देना होगा।
इस व्रत में सोने की मनाही होती है। व्रती महिलाओं को रातभर जागकर भगवान शिव का स्मरण करना चाहिए। इस दिन व्रती महिलाओं को सोलह श्रृंगार करना चाहिए। इस दिन श्रृंगार का सामान सुहागिन महिलाओं को दान करना चाहिए। तीज व्रत में अन्न, जल और फल 24 घंटे कुछ नहीं खाना होता है। शास्त्रों के अनुसार, हरतालिका तीज व्रत का श्रद्धा पूर्वक पालन करना चाहिए।