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नवनियुक्त महानगर अध्यक्ष मुशर्रफ ने चिट्टी के माध्यम से धामी सरकार को सवालों के कटघरे में किया खड़

अज़हर मलिक

Kashipur : आगामी चुनाव को लेकर एक बार फिर उत्तराखंड की राजनीति हलचल तेज होती हुई दिखाई दे रही है उत्तराखंड में कांग्रेस नए नए तरीकों से धामी सरकार को सवालों के कटघरे में खड़ा करने में जुटा हुआ है, एक बार फिर उत्तराखंड में धामी सरकार को अनोखे तरीके से कांग्रेस संगठन ने नामी सरकार को घेरने की कोशिश की है इस अनोखे प्रदर्शन में चिट्ठी के माध्यम से धामी सरकार को घेरा जा रहा है और विकास कार्यों के नाम पर जनता से कोई ठगी पर सवाल किए जा रहे हैं आपको बता दें कि प्रदेश अध्यक्ष के निर्देश पर नवनयुक्त महानगर अध्यक्ष मुशर्रफ हुसैन ने धामी सरकार को चिट्ठी लिखकर विकास कार्य और समस्याओं पर सवाल किए हैं

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महानगर अध्यक्ष मुसर्रफ हुसैन द्वारा लिखी गई 16 समस्याएं 

1. देश की वर्तमान स्थिति का आंकलन करने के पश्चात मुझे महसूस हो रहा है कि देश में लोक संविधान और संवैधानिक संस्थाय तथा परम्पराये, कमजोर हो रही है। में देश की एकता, अखंडता, लोकतंत्र और संविधान को अक्षुण रखने के लिए प्रतिबद्ध हूँ, में भारतीय संस्कृति की उच्च परम्पराओं के अनुसार, लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए संघर्ष करता रहूंगा।

 

देश में सामाजिक और सांप्रदायिक सद्भाव बनाये रखना हर भारतीय का कर्तव्य है. देश में लोकतंत्र, संविधान और संवैधानिक संस्थाओं के सम्मान की रक्षा तथा बढ़ती आर्थिक विषमताओं के खिलाफ कल्याणकारी राज्य मेरा सत्याग्रह है।

 

2. इस समय थल सेना में 1 लाख 55 हजार पद नौसेना में 12,428 और वायु सेना में 7,031 पद खाली है। सेनाओं में ICO के 1,27,673 पद नर्सिंग अफसर के 509 पद तथा सिविलियन संघा के 38.675 पद बाली अर्थात भारतीय सेना में कुल 2,82,673 पद खाली है। इसके अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों में 83,000 पद खाली है। क्या आप सैन्य बहुल प्रदेश उत्तराखंड के नौजवानों की सेना में सेवा का अवसर देंगे ?

 

3. क्या अडानी समूह का चीन के चांग लुंग की कंपनी PMC से रिश्ता है? क्या अडानी के भाई और चांग 2007 में सिंगापुर में एक ही घर पर रहते थे ? क्या चांग की कम्पनी अडानी के पते पर रजिस्टर्ड है क्या ये दोनों कम्पनीयां सामरिक महत्व की परियोजनाओं पर भी काम कर रही हैं ?

 

क्या यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा नहीं करता है। इसीलिये आवश्यक है कि अडानी की कंपनी को 20000 करोड रूपये कहाँ से मिले. यह देश को बताया जाये।

 

4. भारत रत्न संविधान निर्माता डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर जयंती की आपको शुभकामनाये,

इस अवसर पर मैं आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता/चाहती हूँ कि भारत सरकार के बजट 2022-23 में, अनुसूचित जाति विकास के बजट आवंटन में गत वर्ष की तुलना में 988 करोड़ रूपये की कटौती की गई है. कृपया बताये कि बजट में कमी करने से अनुसूचित जाति के विकास और कल्याण को कैसे फायदा होगा?

 

5. भारत रत्र संविधान निर्माता डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर जयंती की आपको शुभकामनायें.

इस अवसर पर मैं आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता/चाहती हूँ कि

 

उत्तराखंड शासन माध्यमिक शिक्षा अनुभाग-1 संख्या 3096/XXIVB-1/21 32 (01)/2018/ दिनांक 16 सितम्बर 2022 की अधिसूचना के माध्यम से उत्तराखंड राज्य शैक्षिक (अध्यापन संवर्ग) नियमावली में परिवर्तन करते हुए, लोकसेवा आयोग से विभागीय परीक्षा में सीधी भर्ती के समान आरक्षण को समाप्त कर दिया गया है। इस आदेश से ऐसा परिलक्षित होता है कि उत्तराखण्ड सरकार अनुसूचित जाति / जनजाति / अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को समाप्त करने की दिशा में एक प्रयास है।

 

 

6. 2016 से 2022 के बीच, 41643 करोड़ मूल्य के नशीले पदार्थ गुजरात के बंदरगाहों पर पकड़े जाने के समाचार प्रकाशित हुए हैं। इसके अतिरिक्त यह भी संभव है कि बहुत से मादक पदार्थ पकड़े ही न गए हो। इन प्रकरणों कौन लोग इस अपराध में दोषी थे, और उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई. इसकी कोई जानकारी देश को उपलब्ध नहीं हुई है। नशे की लत, देश की युवा पीढ़ी के भविष्य की बर्बाद कर रही है।

 

7. इस समय देश में ऑनलाइन गेम्प्लिंगएंड गेम्स अर्थात फ़ोन और इन्टरनेट के माध्यम से जुआ खेलना का प्रचलन बहुत तेजी से बढ़ रहा है. यह कार्य भारत सरकार कि इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी रूल्स 2021 के अंतर्ग किया जा रहा है, अर्थात भारत सरकार इस जुए को संरक्षित एवं विनियमित कर रही है. देश की युवा पीढ़ी को जुए की लत तथा आर्थिक बर्बादी से बचाने के लिए अविलंब इस जुए को बंद किया जाना चाहिये सादर

 

8. 14 फ़रवरी 2019 को, पुलवामा आतंकवादी हमले में शहीद हुए 40 जवानों के परिवारों के साथ-साथ देश जानना चाहता है कि

CRPF को सड़क मार्ग से जाने को मजबूर क्यों किया गया तथा उन्हें हवाई जहाज एयरक्राफ्ट नहीं देने के लिए कौन जिम्मेदार था ?

300 किलो RDX से भरी कार इस संवेदनशील क्षेत्र में कैसे पहुंची?

राज्यपाल को चुप रहने के निर्देश क्यों दिए गये ?

चार साल बाद भी इस हमले से सम्बंधित जानकारी देश के सामने क्यों नहीं आई। ये कुछ ज्वलत प्रश्न है, जिम्मेदारी तो तय करनी ही होगी.

9. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2018 में लगभग 8,000 उच्च आमदनी वाले अमीरों ने भारत छोड़ दिया था। जबकि एक दूसरी रिपोर्ट के अनुसार, 2014 के बाद से 23,000 भारतीय करोड़पति देश छोड़ चुके हैं। हाल ही में, एक ग्लोबल वेल्थ माइग्रेशन रिव्यू रिपोर्ट से पता चला है कि लगभग 5,000 करोड़पति, अकेले वर्ष 2020 में देश छोड़कर भाग गए हैं। मेरा प्रश्न यह है कि ये लोग भारत वर्ष की कितनी संपदा अपने साथ देश से बाहर ले गये हैं. क्या इनके उपर भारतीय वित्त संस्थानों ने लोन वेयर (ऋण माफी की गई है? क्या आप इस विषय में स्वेत पत्र जारी करके, नीति निर्धारण पर विचार करेंगे ?

 

10. नोटबंदी काल में गुजरात में अहमदाबाद निवासी महेश शाह को 13860 करोड़ के काले धन के साथ पकड़ा गया था। इस धन का क्या हुआ तथा इस व्यक्ति ने जिन लोगों के नाम उजागर किये थे उनके और इस व्यक्ति के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई ? कृपया इसकी जानकारी उपलब्ध करवाने का कष्ट करें।

 

 

11. पिछले 6 साल में फसल बीमा योजना से अब तक 13 बीमा कंपनियों ने, 72 हजार करोड़ रुपये का कारोबार किया है ।6 साल में इसमें से सिर्फ 25 हजार करोड़ रुपये का भुगतान इन बीमा कंपनियों द्वारा किसानों को किया गया है, मोटे तौर पर बीमा कंपनियों को 50 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का सीधा मुनाफा पहुँचाया गया है।

 

जबकि इस वर्ष भारत सरकार के 2022-23 के बजट में, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना बजट में, गत वर्ष की तुलना में 1875 करोड़ रूपये की कटौती की गई है। किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ नहीं मिल रहा है।

 

12. अच्छे दिनों की एक झलक 2013 में जो रसोई गैस पहले 410 का सिलेंडर मिलता था अब 1100 रूपये से अधिक का हो गया है। पेट्रोल पहले 66 रुपये लीटर था अब 97 रुपये लीटर मिल रहा है। डीजल पहले 52 रुपये लीटर था अब 90 रुपये लीटर हो गया है। इसी प्रकार, आटा 210 रुपये का 10 किलो आता था आज 440 रुपये का हो गया है, सरसो तेल पहले 52 रुपये का मिलता था अब 150 रुपये से ज्यादा का मिल रहा है। पहले अरहर दाल 80 रुपये किलो मिलती थी और अब 170 रूपये किलो हो गई है। इसी प्रकार दूध, घी, नमक आदि रोजमर्रा की चीजों के दामों में भी बेहताशा वृद्धि हुई हैं। ऐसी कोई चीज नहीं है जिसके दामों में वृद्धि न हुई हो। कृपया कुछ तो कीजिये।

 

13. भारत सरकार के बजट 2022-23 पर बजट 2021 22 की तुलना में एक नजरः उर्वरक सब्सिडी में 25000 करोड़ की कटौती, मनरेगा में 29400 करोड़ की कटौती, राज्यों की सहायता के बजट में 63403 करोड़ की कटौती, अल्पसंख्यक विकास में 1280 करोड़ की कटौती अनुसूचित जाति विकास के बजट में 988 करोड़ की कटौती,समाज कल्याण योजनाओं के बजट में 5278 करोड़ रुपये की कटौती, शहरी विकास 2003 करोड़ की कटौती, स्वास्थ्य के वजट में 10255 करोड़ की कटौती, शिक्षा में 4397 करोड़ की कटौती, किसान सम्मान निधि में 8000 करोड़ की कटौती, कृषि बजट में 7242 करोड़ की कटौती जन कल्याण योजनाओं पर घटता बजट मेरी चिंता है।

 

 

14. आज मैं आपका ध्यान ऐसी घटनाओं की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ जिन पर अगर प्रभावी कार्यवाही की नीति नहीं बनाई गई तो भारत वर्ष की एकता सम्प्रभुता खतरे में पड़ जाएगी। देश के अलग राज्यों से पुलिस प्रशासन द्वारा कुछ ऐसे गिरोहों को गिरफ्तार करने के समाचार मिल रहे हैं जो ऐसी षड्यंत्रकारी घटनाओं में लिप्त हैं जिनसे सामाजिक सौहार्द को खंडित किया जा सकता था। कुछ ऐसे लोग भी गिरफ्तार किये गए हैं जो नकली नाम का प्रयोग कर अफवाह फैलाने का काम कर रहे हैं। इन पर सामान्य कानूनों में कार्यवाही नहीं हो सकती है। आप से निवेदन है कि ऐसे व्यक्तियों और गिरोहों पर अंकुश लगाने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अंतर्गत कार्यवाही करने के आदेश देने की कृपा करें।

 

15. उत्तराखंड एक पर्वतीय राज्य होने के कारण, यहाँ के छोटे और मध्यम व्यापारी और उद्योग, रोजगार सृजन का सबसे बड़ा क्षेत्र होने के नाते, इनके व्यापारिक हितों की रक्षा आवश्यक है। अतः यहाँ पर जी एस टी मानकों में शिथिलीकरण करके छोटे एवं मध्यम उद्योगपतियों और व्यापारियों की साहयता दीजिये स्थानीय भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखकर छोटे एवं लघु उद्योग एवं व्यापार के लिए विशेष नीति निर्धारित करने पर विचार करें ?

 

इसके अतिरिक्त यहाँ की स्थानीय भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखकर छोटे एवं लघु उद्योग एवं व्यापार के लिए विशेष नीति निर्धारित करने पर विचार करें ?

 

16. कुछ पाठ्यक्रमों में भारत के इतिहास को संशोदित करने के समाचार आ रहे हैं. इतिहास से सबक सीखा जाता है, इतिहास प्रेरणा देता है, इतिहास का ज्ञान हमें हमारे अतीत के संघर्षो को याद दिलाते हुए, भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करता है। इतिहास को किताबों से। मिटा देने या तारीखों में हेरफेर करने से, इतिहास और उसके नायकों खलनायकों पर तो कोई असर नहीं पड़ेगा, अपितु देश में अल्पशिक्षित- अंधभक्त तैयार होंगे।

 

ग्लोबल विलेज अर्थात वैश्विक ग्राम और इन्टरनेट के युग में भारत की भावी पीढ़ी का इतिहास का ज्ञान और विश्व के इतिहास की जानकारी में जो विरोधाभास आ जाएगा वह चिंतनीय है।

अनोखा

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