सावधान : यहां रक्षक बने भक्षक, गैंगरेप पीड़िता की माँ से चौकी इंचार्ज ने किया बलात्कार
उत्तर प्रदेश : देश के अंदर से ज्यादा शर्मसार और क्या होगा जिस खाकी के दरबार पर लोग इंसाफ मांगने जाते हैं उसी दरबार पर लोगों के साथ लोगों को इंसाफ की कीमत चुकानी पड़ेगी, यह हमारे बदलते देश की तस्वीर है, बेलगाम होती जा रही उत्तर प्रदेश की पुलिस और इससे ज्यादा क्या गिरेगी, जब एक मां अपनी बेटी के इंसाफ के लिए चौकी पहुंचती है, पुलिस वाला ही उस मां का बलात्कार कर देता है, बरहाल आरोपी पुलिस को पुलिस के अधिकारी जेल में भेज देते हैं,
उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले के सदर कोतवाली क्षेत्र में जब अपनी बेटी के इंसाफ मांगने चौकी गई एक महिला के साथ चौकी इंचार्ज ने हीं रेप कर दिया आरोपी अनूप मौर्य ने हाजी शरीफ चौकी में पहले जांच के बहाने बुलाया, और जिस्म का भूखा दरिंदा वर्दीधारी ने उस महिला का रेप कर दिया, बलात्कार की घटना का मामला जब तूल पकड़ने लगा तो आरोपी अनूप कुमार मौर्य को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, दरअसल पीड़ित महिला के नाबालिक बेटी का प्रेम संघ के मामले में लिए 26 को एसपी को शिकायती पत्र दिया था, और इस मामले की जांच कन्नौज जिले के सदर कोतवाली क्षेत्र में मौजूद हाजी चौकी प्रभारी अनूप कुमार मौर्य कर रहा था, अपनी बेटी को मामले में पीड़ित में चौकी प्रभारी अनूप कुमार मौर्या के बराबर संपर्क में थी, और जांच के नाम पर चौकी ने पीड़ित मां को अपने सरकारी आवास पर बुलाया और जबरन उसके साथ रेप की घटना को अंजाम दिया, इसके बाद पीड़िता ने थाने में मामला दर्ज कराया , मामले को गंभीरता से लेते हुए जिले के एसपी ने सीओ सिटी शिव प्रताप को जांच सौंपी, और सीओ सिटी ने जांच के आधार पर मामला पंजीकृत कर इंस्पेक्टर अनूप कुमार मौर्या को जेल भेज दिया,
बरहाल यह तो हाईलाइट मामला था इसलिए पीड़िता को उच्च अधिकारियों की इमानदारी के चलते इंसाफ मिल गया लेकिन कुछ मामले अधिकारियों तक नहीं पूछते और
प्रदेश के अंदर खाकी दागदार होती जा है , खाकी पहनने वाले ईमानदार अधिकारियों को ऐसे पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि प्रदेश के अंदर खाकी की इज्जत लोगों के दिलों में बरकरार रहे और लोग खाकी पर न्याय की उम्मीद लेकर आते रहे, ऐसा अक्सर देखा जाता है, कि नीचे स्पेक्टर दरोगा को स्टेबल अपने उच्च अधिकारियों को गलत फीडबैक देकर क्षेत्र में मनमर्जी करते हैं और अपने उच्च अधकारियों को गुमराह
रखते हैं, प्रदेश में भर्त दागदार होने से बचाने के लिए अधिकारियों को जनता में खुद ही अपना नेटवर्क बिछाना होगा ना कि निचले कर्मचारियों से फीडबैक लेकर गुमराह हो