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यामीन विकट 

ठाकुरद्वारा :  बुधवार को अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के कैंप कार्यालय रामू वाला गणेश् पर किसान नेता प्रीतम सिंह के नेतृत्व में एक बैठक का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य मुद्दा बेसहारा खूंखार पशुओं से फसलों को बचाना रहा। बैठक में प्रीतम सिंह ने कहा कि किसानों को अपनी तैयार फसल को भी बचाना मुश्किल पड़ रहा है बेसहारा गोवंश पशु झुंड बनाकर रहते हैं और बहुत खूंखार हो गए हैं।

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https://www.thegreatnews.in/uttar-pradesh/oath-of-panch-pran-was-administered-in-meri-mati-mera-desh-program/

 

छुट्टा पशुओं द्वारा किसानों को मौत के घाट उतारा जा रहा है। और संबंधित अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। शिकायत करने के बावजूद छुट्टा पशुओं को गौशाला या वनों में नहीं छुड़वाया जा रहा है इसी क्रम में मंगलवार को शरीफ नगर निवासी राजकुमार तथा अरुण कुमार एवं किसान नेता प्रीतम सिंह ने छुट्टा पशुओं को पकड़वाने हेतु उपजिला अधिकारी को अपनी शिकायत दी थी पूरे क्षेत्र में किसानों के सामने जंगली जानवर तथा बेसहारा पशु सर दर्द बने हुए हैं। दुल्लापुर अमानताबाद के घनश्याम सिंह को जंगली सांड के द्वारा अपने खेत से निकलने पर मौत के घाट उतार दिया गया गांव रामू वाला गणेश में भी किसान राजकुमार के द्वारा गोवंश पशु को निकलने पर गोवंश पशु ने टक्कर मार कर गिरा दिया और जमीन में रगड़ना शुरू कर दिया तुरंत दूसरे दो किसानों ने बड़ी मुश्किल से बेसहारा पशु को भगाया गया। इस दौरान मांग की गई कि दुल्लापुर के किसान घनश्याम सिंह के परिवार को कम से कम 10 लाख रुपए मुआवजा दिलवाया जाए। छुटटा पशुओं को तत्काल पकड़वाकर गौशाला या वनों में छुड़वाया जाए। इस दौरान कामरेड हर स्वरूप सिंह नरेश सिंह रमेश सिंह खुशीराम कॉमरेड धर्मपाल सिंह कैलाश सिंह सुरेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।

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One thought on “आवारा और छुट्टा पशु बने किसानों के लिए मुसीबत”

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