सदगुरू ही ब्रह्मज्ञान देकर भक्तो को सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं
यामीन विकट
ठाकुरद्वारा : रविवार को संत निरंकारी सत्संग भवन पर मासिक सत्संग का आयोजन हुआ जिसमें मुरादाबाद से प्रचारक वीर सिंह जी ने सद्गुरु के विचारों को साध संगत के समक्ष रखा।
प्रचारक महात्मा वीर सिंह जी ने अवतार वाणी का सहारा लेते हुए सद्गुरु के विचारों को बताया कि हमें प्रतिपल ईश्वर का सिमरन करते रहना चाहिए। सद्गुरु द्वारा दिए गए मंत्र का सिमरन हमें सुबह-शाम, आठो पहर करते रहना चाहिए।उन्होंने कहा कि ” कलयुग केवल नाम अधारा, सुमिर सुमिर नर उतरें पारा
उन्होंने रामायण और महाभारत से तमाम उदाहरण देते हुए कहा कि जब-जब भक्तों पर कोई समस्या आती है तो नाम का सहारा ही हमारी सहायता करता है। पूर्ण सद्गुरु ब्रह्म ज्ञान देकर भक्तों को सत मार्ग पर चलने और सत्य कर्म करने की प्रेरणा देता है। सेवा, सिमरन, सत्संग मनुष्य के जीवन का आधार है, इन तीनों से तन, मन और धन के सुख हमारे जीवन में आते हैं तथा यह लोक सुखी और परलोक भी सुखी हो जाता है।
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सत्संग में ब्रांच ठाकुरद्वारा के मुखी ब्रह्म प्रकाश गुप्ता, डॉ नरेश चौहान, रघुनाथ सिंह, डॉ रामकुमार, राकेश कश्यप, महिपाल सिंह, डॉ दीपक कुमार,मुकेश चौहान, वंदना चौहान, रुचि, नरेश चंचल, अंजलि ,वंदना रानी, राजबाला चौहान,पूनम, योगेश, बिजेंदर सुनीता कश्यप आदि सहित सैकड़ों भक्तों ने हिस्सा लिया तथा मंच संचालन प्रेम प्रकाश सिंह ने किया।