ईदुल अज़हा की खुशियों में ग़रीबों और ज़रूरतमंदों को ज़रूर शामिल करेईदुल अज़हा की खुशियों में ग़रीबों और ज़रूरतमंदों को ज़रूर शामिल करे
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ईदुल अज़हा की खुशियों में ग़रीबों और ज़रूरतमंदों को ज़रूर शामिल करे

काज़ी ए शहर हाफिज़ मामूर अहमद जामई ने डा. हलीमुल्लाह खां और अयाज़ माहे आलम ज़फर के साथ ईदुल अज़हा से सम्बन्धित गाईडलाइन जारी की

कानपुर : आज काजी ए शहर कानपुर हाफिज मामूर अहमद जामई ने परेड स्थित कार्यालय से जमीयत उलेमा शहर कानपुर के अध्यक्ष डा. हलीमुल्लाह खां, ईदगाह कमेटी के अध्यक्ष अयाज माहे आलम जफर और उलेमा ए किराम के साथ ईदुल अजहा के सम्बन्ध से गाईडलाइन जारी करते हुए कहा कि कुर्बानी एक इबादत है, कुर्बानी का तरीका विश्वसनीय उलेमा से सीख लें, दुआएं याद कर लें, सीखने के बाद अपने हिस्से वाले जानवर की कुर्बानी खुद अपने हाथ से करें। ईदुल अजहा की नमाज के लिए तय समय से पहले ईदगाह पहुंच कर अंदर के हिस्से में अपनी जगह सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश के हालात के मद्देनजर कुर्बानी के जानवरों को लाने ले जाने में विशेष सावधानी बरतें। ईदुल अजहा की खुशियों में गघ्रीबों और जरूरतमंदों को जरूर शामिल करें, उनकी मदद करें। गर्मी का मौसम चल रहा है, ऐसे में त्योहार के सम्बन्ध से स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार जो दिशा-निर्देश आये उस पर अमल सुनिश्चित करें। कुर्बानी के दिनों में जिला प्रशासन और नगर निगम ने सफाई व्यवस्था बेहतर रखने का विश्वास दिलाया है, लेकिन आप स्वयं भी अपने क्षेत्रों, मोहल्लों और आस-पास स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। शहर में मुसलमानों की एक बड़ी संख्या मिली-जुली आबादी में रहती है, ऐसे क्षेत्रों में अपने देशबन्धुओं की भावनाओं का ध्यान रखते हुए कोई ऐसा कृत्य ना करें जिससे किसी को तकलीफ पहुंचे। कुर्बानी की वीडियोग्राफी या फोटो सोशल मीडिया पर प्रसारित करने से परहेज और गोश्त आदि ढक कर कहीं भी लाने ले जाने की पहले भी कही जा चुकी हैं, इस बार भी इसका ख्याल रखें। ईदुल अजहा के अवसर पर कुर्बानी के सम्बन्ध से किसी तरह की समस्या आने पर कानून अपने हाथ में लेने के बजाये स्थानीय प्रशासन से सम्पर्क करें, शहर के जिम्मेदारों को समय रहते सूचित करें। कुर्बानी के बाद उसके अपशिष्ट और गन्दगी नियत स्थान पर ही डालें। चमड़ा निर्धारित स्थानों तक पहुंचायें। यह देश, प्रदेश और शहर हम सबका है, यहां के माहौल को बेहतर बनाये रखना हम सबकी जिम्मेदारी है, इसलिये अमन, चैन, तरक्की, खुशहाली, नफरत के खात्मे, समस्त देशवासियों के प्यार व मुहब्बत से मिल-जुल कर रहने, धर्म के नाम पर एक-दूसरे के बीच दूरियां पैदा करने वालों के प्रयास विफल होने और अपने दीन व ईमान की हिफाजत के लिये दुआओं का एहतमाम करें। इस अवसर पर काजी ए शहर हाफिज मामूर अहमद जामई, जमीयत उलेमा शहर कानपुर के अध्यक्ष डा. हलीमुल्लाह खां, ईदगाह कमेटी के अयाज आलम जफर के साथ मुहम्मद साद हातिम, मर्कजी रूयते हिलाल कमेटी के महासचिव मौलाना मंसूर अहमद कासमी, कारी मुहम्मद गजाली खां, मुआविया उस्मान खादिम ईदगाह मौजूद रहे।

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