वेदों में मनुष्यों को मनुष्य बनकर रहने के लिए कहा गया है,प्रचारक संजय सिद्धू,
यामीन विकट
ठाकुरद्वारा : रविवार को संत निरंकारी सत्संग भवन ठाकुरद्वारा पर मासिक साधसंगत का आयोजन हुआ। जिसमें प्रचारक महात्मा मुम्बई ज़ोन से परम पूजनीय संजय सिद्धु ने सद्गुरु के विचारों को संगत के समक्ष रखा। प्रचारक महात्मा ने अपने प्रवचनों में कहा कि ये मनुष्य तन चौरासी लाख योनियों में सर्वश्रेष्ठ है और यह एक चंदन के पेड़ की तरह होता है जिस पर काम,क्रोध, लोभ,मोह,अहंकार रूपी नाग लिपटे रहते हैं,परंतु जब सतगुरु का ज्ञान मोर बनकर इसके ऊपर बैठता है तो ये सब वहां से चले जाते हैं। आपने आगे कहा कि हमें अपने भीतर देखना चाहिए, तभी हमारा पर उद्धार होता है। आजकल मनुष्य की पहचान उसके बाहरी पहनावे से होती है कि यह हिंदू है,यह मुस्लिम है,यह यह सिख है,जबकि हम सिर्फ एक मानव मात्र हैं।इसलिए वेदों में मनुष्यों को मनुष्य बनने को कहा गया है। सत्संग की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि सत्संग के बिना मनुष्य सद्कर्म नहीं करता है। हमें निरंकारी सतगुरु द्वारा दिए गए पांच प्रणों पर चलना है और सत्संग को जीवन में अपनाते हुए अपने घर को स्वर्ग बनाना है। हमारी सोच में हमेशा गुरु रहे क्योंकि सद्गुरु हमारा मुकद्दर बदलने के लिए दुनिया में आते हैं।
सत्संग में मुख ब्रह्म प्रकाश गुप्ता खंड विकास अधिकारी सुरेश गुप्ता, ने भी सद्गुरु के प्रति सभी को जोड़ने का आह्वान किया।लंगर की व्यवस्था एडवोकेट रामकुमार चौहान और डॉक्टर हरिश्चंद्र ने की।
संचालन प्रेम प्रकाश ने किया तथा सत्संग में सेवादल संचालक डॉक्टर रामकुमार सिंह, शिक्षक राकेश कश्यप, मुकेश कुमार, डॉक्टर नरेश चौहान, कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर दीपक कुमार,ओम प्रकाश सिंह, विक्रांत नायक, रघुनाथ सिंह, दीपक कुमार, योगेश कुमार,मनजीत सिंह, सुनीता अग्रवाल,वंदना चौहान, निशा, रितु गुप्ता, प्रीति ,मुस्कान शकुंतला, टीना ,अंजलि आदि सहित सैकड़ो भक्तों ने हिस्सा लिया।