यामीन विकट
ठाकुरद्वारा : भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) कार्यकर्ताओं ने बिजली के निजीकरण, नाजायज बिल वसूली,और स्मार्ट मीटर लगाए जाने के विरोध में प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री को संबोधित 10 सूत्रीय ज्ञापन विधुत उपखंड अधिकारी को सौंपा है।
शनिवार को भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के दर्जनों कार्यकर्ताओं ने नगर विधुत उपकेंद्र पर पंहुचकर दस सूत्रीय मांगों को लेकर नारेबाजी व प्रदर्शन किया । इस दौरान कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन विधुत उपखंड अधिकारी रमा शंकर सक्सेना को सौंपा।जिसमे कहा गया है कि बिजली के निजीकरण से किसानों, मजदूरों, और अन्य घरेलू उपभोक्ताओं को सस्ती व निशुल्क बिजली मिलने के सभी रास्ते बंद हो जाएंगे।बिजली केवल अमीरों तक सिमट कर रह जाएगी जिससे खेती व छोटे उधोग धंधे ठप्प हो जाएंगे।ज्ञापन में कहा गया है।
कि स्थाई कर्मचारियों की भर्ती बन्द हो गई है और संविदा कर्मियों से नाम मात्र के वेतन पर काम लिया जा रहा है तथा उन्हें सुरक्षा उपकरण भी मुहैया नही है जिससे आएदिन कर्मचारियों को जान गंवानी पड़ रही है।ज्ञापन में मांग की गई है कि बिजली का निजीकरण बन्द करो और बिजली अधिनियम संशोधन विधेयक 2022 वापस लो।सभी शहरी ग्रामीण उपभोक्ताओं को300 यूनिट बिजली मुफ्त दो,किसान मजदूरों को 18 घन्टे बिजली दी जाए,अप्रैल 2023 के बाद वसूले गए नाजायज बिलो की राशि वापस करो,नलकूपों पर लगाये।
गए मीटर हटाये जाएं और स्मार्ट मीटर लगाना बन्द किया जाए,जर्जर लाइन बदलवाकर ट्रांसफार्मरो की क्षमता बधाई जाए,बिजली विभाग में नई भर्तियां की जाए और संविदा कर्मियों को सरकारी घोषित किया जाए,निजीकरण के खिलाफ आंदोलन रत कर्मियों का उत्पीड़न बन्द किया जाए। इस मौके पर ज्ञापन देने वालो में कामरेड भारत सिंह,डॉ सईद सिद्दीकी, गुलशेर अली,त्रमल सिंह,कामरेड वीर सिंह, सहित अनेक कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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