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यामीन विकट

ठाकुरद्वारा : रविवार को त्रिवेणी चीनी मिल रानी नांगल क्षेत्र के ग्राम रामू वाला गनेश में सोदासपुर जोनल प्रभारी राजविंदर सिंह संधू तथा सुपरवाइजर हिमांशु चौहान के निर्देशन मे शरद कालीन गन्ना बुवाई किसान ओंमकार सिंह के प्लॉट पर करवाई गई जिसमें गन्ने के साथ सरसों तथा मटर की बुवाई सहफसली खती के रूप में करवाई गई। साढे तीन फीट की दूरी पर गन्ने की उत्तम प्रजातियां कोशा 98014, 0 118, 15023 की बुवाई करवाई गई। जोनल प्रभारी ने किसानों को बताया कि किसान उत्तम प्रजातियों के बीज को भी इमिडाक्लोरोपिड तथा हेक्सास्टॉप में उपचारित कर ही बुवाई करें क्योंकि लाल सड़न बीमारी गन्ने के खेतों में बहुत आ रही है ।

 

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सुपरवाइजर हिमांशु चौहान ने कहा कि किसान खेत की अंतिम जुताई से पहले ट्राइकोडर्मा डालना ना भूलें जो चीनी मिल की ओर से छूट पर उपलब्ध है तथा शरद कालीन गन्ना बुवाई हेतु सरसों का बीज चीनी मिल की तरफ से किसानों को मुफ्त उपलब्ध कराया जा रहा है। किसान चीनी मिल की ओर से दी जाने वाली सुविधाओं का लाभ उठाएं। किसान नेता प्रीतम सिंह का कहना है कि गन्ना किसानों की खुशहाली के लिए शरद कालीन गन्ना बुवाई नितांत आवश्यक है और इसके साथ-साथ गन्ने का मूल्य बढ़ती लागत तथा मेहनत को देखते हुए 5 सौ रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया जाना नितांत आवश्यक है। पिछले वर्ष भी गन्ने के मूल्य में कोई वृद्धि नहीं की गई और अब पूरे उत्तर प्रदेश में गन्ना पेराई सत्र 2023-24 शुरू हो चुका है लेकिन सरकार ने अभी तक गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित नहीं किया है इससे किसानों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि आखिर सरकार की मंशा क्या है। अतः मांग की गई कि तत्काल गन्ने का मूल्य 5 सौ रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया जाए तथा 14 दिन के भीतर गन्ने का भुगतान करवाया जाए। इस दौरान किसान खुशीराम, तेजपाल सिंह, काव्य चौहान, पुलकित चौहान, रमेश सिंह, तथा मुंशीगंज गन्ना केंद्र चौकीदार एहसान अली आदि मौजूद रहे।

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One thought on “शरद कालीन गन्ना बुवाई की हुई शुरूआत”

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