उत्तराखंड में ढाई वर्ष से कम समय में 3854 महिलायें, 1134 बालिकायें गायबउत्तराखंड में ढाई वर्ष से कम समय में 3854 महिलायें, 1134 बालिकायें गायब
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उत्तराखंड में ढाई वर्ष से कम समय में 3854 महिलायें, 1134 बालिकायें गायब  2961 गुमशुदा महिलायें तथा 1042 बालिकायें बरामद भी हुई
सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन को पुलिस मुख्यालय द्वारा उपलब्ध करायी सूचना से हुआ खुलासा
उत्तराखंड में महिला सुरक्षा तथा महिला अधिकार संरक्षण के कितने भी दावे कर लिये जायें लेकिन हकीकत इससे दूर नजर आती है। उत्तराखंड में जनवरी 2021 से मई 2023 तक 29 माह में 3854 महिलायें तथा 1134 बालिकायंे गुमशुदा दर्ज की गयी है। इस अवधि में 2961 गुमशुदा महिलायें तथा 1042 बालिकायें बरामद भी हुई है। यह चैकानें वाला खुलासा सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन को पुलिस मुख्यालय द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय के लोक सूचना अधिकारी से उत्तराखंड में गुमशुदा व्यक्तियों, महिलाओं, बालक तथा बालिकाओं के आंकड़ों की सूचना मांगी थी। इसके उत्तर में पुलिस मुख्यालय की लोक सूचना अधिकारी/अपर पुलिस अधीक्षक (कार्मिक) शाहजहांजावेद खान ने पत्रांक 135 के साथ पुलिस उपमहानिरीक्षक राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो सेंथिल अबूदई कृष्ण राज0 एस0 द्वारा उपलब्ध कराये गये विवरणों की सत्यापित फोटो प्रतियां उपलब्ध करायी गयी हैं।
नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार उत्तराखंड  के 13 जिलों तथा रेलवे (जी.आर.पी. अन्तर्गत) में जनवरी 2021 से मई 2023 तक कुल 3854 महिलायें गुमशुदा दर्ज की गई है। इनमें 2021 में 1494, वर्ष 2022 में 1632 तथा वर्ष 2023 में मई तक 728 महिलायें शामिल है। इसी अवधि में कुल 1132 बालिकायें गुमशुदा दर्ज हुई है जिसमें 2021 में 404 वर्ष 2022 में 425 तथा 2023 में मई तक 305 बालिकायें शामिल है।
नदीम को उपलब्ध गुमशुदा महिलाओं की बरामदगी के आंकड़ों के अनुसार जनवरी 2021 से मई 2023 तक कुल 2961 महिलायें बरामद हुई है। इसमें 2021 में 1271, वर्ष 2022 में 1281 तथा 2023 में मई तक 409 महिलायें शामिल है जबकि इसी अवधि में कुल 1042 गुमशुदा बालिकायें बरामद हुई है जिसमें 2021 में 393, वर्ष 2022 में 403 तथा 2023 में मई तक 246 बालिकाएं शामिल है।
गुमशुदा महिलाओं के जिलावार विवरण के अनुसार नैनीताल जिले में 2021 में 168 वर्ष 2022 में 165 तथा 2023 में मई तक 53 महिलायें गायब हुई हैं। उधमसिंह नगर जिले में क्रमशः 343, 415, तथा 183, पिथौरागढ़ जिनले में 14, 18 तथा 7, अल्मोड़ा जिले में 25, 44 तथा 23, टिहरी जिले में 59, 49 तथा 35, बागेश्वर जिले में 34, 26 तथा 12, पौड़ी जिले में 43, 58 तथा 19, उत्तरकाशी जिले में 34, 23 तथा 15, देहरादून जिले में वर्ष 2021 में 364, वर्ष 2022 में 430 तथा 2023 में मई तक 163 महिलायें, हरिद्वार जिले में क्रमशः 339, 314 तथा 169, चमोली में 31, 26 तथा 14, चम्पावत जिले में 23, 48 तथा 25, रूद्रप्रयाग जिले में 14, 15 तथा 10 तथा रेलवे क्षेत्र (जी.आर.पी. अन्तर्गत) में वर्ष 2021 में 3, 2022 में 1 तथा 2023 में मई तक शून्य गुमशुदा महिला दर्ज हुई है।
गुमशुदा बालिकाओं के जिलावार विवरण के अनुसार नैनीताल जिले में 2021 में 74, वर्ष 2022 में 63, वर्ष 2023 में मई तक 17 बालिकायें गुमशुदा दर्ज हुई हैं जबकि जिला उधमसिंह नगर में क्रमशः 133, 146 तथा 49, पिथौरागढ़ में 17, 22 तथा 15, अल्मोड़ा जिले में 10, 13 तथा 9, टिहरी जिले में 23, 18 तथा 12, बागेश्वर जिले में 8, 8 तथा 2, पौड़ी जिले में 5, 8 तथा 7, उत्तरकाशी जिले में 5, 3, तथा 2, देहरादून जिले में वर्ष 2021 में 30 बालिकायें, 2022 में 9 तथा 2023 में मई तक 80 बालिकायें गुमशुदा दर्ज हुई है। हरिद्वार जिले में क्रमशः 81, 103 तथा 95, चमोली जिले में 8, 9 तथा 5, चम्पावत जिले में 9, 17 तथा 8, रूद्रप्रयाग जिले में 1, 6 तथा 3, रेलवे क्षेत्र (जी.आर.पी.) में इस अवधि में केवल 2023 में मई तक 1 बालिका गुमशुदा दर्ज हुई है।

यह जानकारी बहुत ही चिंताजनक है और महिला सुरक्षा के मामले में सरकार और समाज के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत हो सकता है। इससे साफ होता है कि उत्तराखंड में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के क्षेत्र में कई समस्याएं हैं और कठिनाइयाँ हैं।

सुरक्षा में सुधार के लिए निम्नलिखित कुछ कदम उठाए जा सकते हैं:

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  1. सशक्तिकरण और जागरूकता: समाज को महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूक करना आवश्यक है। समाज को विभिन्न प्रकार की सामाजिक और कानूनी सुरक्षा के बारे में शिक्षित करने के लिए संविदानिक प्रसारण और शिक्षा कार्यक्रमों की आवश्यकता है।
  2. कठिनाइयाँ की समझ और समाधान: सरकार को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि क्यों महिलाएं और बच्चे गुमशुदा हो रहे हैं। क्या किसी खास कारण के चलते यह हो रहा है, और कैसे इसे रोका जा सकता है।
  3. कदमबद्धी सुरक्षा प्रणालियों की स्थापना:

  4. सुरक्षा प्रणालियों को अधिक प्रभावकारी बनाने और महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए ज़रूरी संसाधनों को प्रदान करने के लिए सरकार को कदम उठाने चाहिए।
  5. सख्त कानूनी कार्रवाई:

  6. गुमशुदा महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध के लिए सख्त कानूनी कार्रवाई की आवश्यकता है और अपराधियों को सजा दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए।
  7. हेल्पलाइन और सहायता केंद्र:

  8. सुरक्षा संबंधित मुद्दों के लिए हेल्पलाइन और सहायता केंद्र स्थापित करने की आवश्यकता है, ताकि गुमशुदा महिलाएं और बच्चे मदद प्राप्त कर सकें और अपने अधिकारों की सुरक्षा कर सकें।
  9. शिक्षा और सशक्तिकरण

  10. : महिलाओं और बच्चों को उनके अधिकारों के बारे में शिक्षा देना और उन्हें सशक्तिकरण कार्यक्रमों में शामिल करने का मौका देना जरूरी है।
  11. सामाजिक जागरूकता:

  12. समाज को महिला सुरक्षा के मुद्दे पर सहयोग देने और उन्हें खतरों के बारे में जागरूक करने के लिए सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने की आवश्यकता है।

    https://youtu.be/OTfqBZV-9Bk?si=Synqz_OpShMUFhH-

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