हाय री कुर्सी, जो तू करा ले वो कम हैहाय री कुर्सी, जो तू करा ले वो कम है
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हाय री कुर्सी, जो तू करा ले वो कम है

यामीन विकट 

ठाकुरद्वारा : नगर निकाय चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए लगभग एक दर्जन प्रत्याशी अपनी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं और अपनी अपनी जीत के दावे भी कर रहे हैं ये अलग बात है कि अध्यक्ष पद पर एक ही प्रत्याशी की जीत होगी और बाकी को हार का सामना करना पड़ेगा। यंहा जीत हार के अलावा जो मज़ेदार बातें इस मौजूदा समय में देखने को मिल रही हैं वो ये हैं कि इस वक्त अगर कोई व्यक्ति छोटा मोटा काम कर रहा है तो कई प्रत्याशी उससे पूछ रहे हैं कि उसे उनकी जरूरत तो नही और तो और अगर इन दिनों किसी की मौत भी हो रही है तो कई प्रत्याशी ऐसे हैं जो मृतक के ज़िंदा होने पर कभी उसको पूछने नही गए लेकिन उसकी मौत में जाकर शोक जता रहे हैं। इनमें से कुछएक तो ऐसे भी हैं जो आम आदमी से दो गज़ की दूरी बनाकर रखते हैं और ऐसे वैसो से बात करना ही पसंद नही करते हैं अब वो भी बेचारे रात रात भर लोगों के दरवाजे खटखटा रहे हैं और खुद को उनका हमदर्द बताकर उनसे वोट की अपील कर रहे हैं जबकि नगर भर के मतदाता अच्छी तरह से इस बात को जानते हैं कि चुनाव खत्म होते ही जो नेता आज उनके हमदर्द बन रहे हैं वो दूर दूर तक दिखाई नहीं देंगे इसके बाद भी नगर के मतदाता इन सभी को भरोसा दिला रहे हैं कि वो उनके साथ हैं और वो प्रत्याशी जो मतगणना में चौथे पाँचवे नम्बर पर आएंगे वो भी सीना चौड़ा कर रहे हैं। बहरहाल चुनाव के नतीजे जो भी हों लेकिन मतदाताओं के बीच ऐसे मतलबी प्रत्याशियों की चर्चाएं जोरो से हो रही हैं और चर्चाओं से ज़्यादा लोग इनका मज़ाक उड़ाते हुए नजर आ रहे हैं। इन्ही प्रत्याशियों में से कुछ ऐसे भी हैं जो बेचारे रात को आराम से ए सी में सोते थे और पैर भी ज़मीन पर मजबूरी में रखते थे वो भी बेचारे रात रात भर लोगो की खुशामद में लगे हैं और दिन भर गर्मी में इधर से उधर घूम रहे हैं इसीलिए इन्हें देखकर मन में एक ही बात आती है कि ,हाय री कुर्सी जो तू करा ले वो कम है।
हाय री कुर्सी, जो तू करा ले वो कम है
हाय री कुर्सी, जो तू करा ले वो कम है
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