आठ वर्षीय हरीम फात्मा ने रखा अपनी जिंदगी का पहला रोज़ा
अज़हर मलिक
रमजान शरीफ का मुकद्दस महीना चल रहा है तो मुसलमानों में बड़े जोश के साथ में इस मुकद्दस महीने में रोजे रख रहे है। इस सिलसिले में छोटे-छोटे बच्चे और बच्चियां ने भी बढ़-चढ़कर रोजे रखे। इसी कड़ी में 8 साल की हरीम फात्मा ने भी रोज़ा रख कर रमजान में अल्लाह की इबादत की।
रमज़ान में अल्लाह रोजदार को सब्र अता करता है। यही वजह है कि अल्लाह की रज़ा की खातिर अब छोटे बच्चे भी बड़ों से पीछे नहीं रह रहे हैं बढ़ती हुई धूप और गर्मी के बीच भी बच्चों में रोजा रखने का जज्बा देखनें को मिल रहा है।
8 साल की हरीम फात्मा पुत्री नईम उल हसन निवासी कोट गर्वी नें भी अपनी ज़िन्दगी का पहला रोजा रखा और दिन में प्यास का अहसास होते ही बच्ची इबादत में मशगूल हो गई। अपनी जिन्दगी का पहला रोजा रख कर अल्लाह से खुशहाली की दुआ मांगी है। इस दौरान बच्ची के परिजनों ने सैकड़ो लोगों को रोजा इफ्तार कराया।