बाजपुर चीनी मिल की शहर इकाई अश्वनी को लीज पर देने के विरोध में कांग्रेसियों का प्रदर्शन
भूपेश चंद्रा
बाजपुर : भले ही देश भर में कई सरकारी संस्थानों को सत्ताधारी सरकार ने अच्छे संचालक के उदेश्य से पीपीपी मोड़ में दे दिया गया हो लेकिन उत्तराखंड में जैसे ही उधम सिंह नगर की सहकारिता क्षेत्र की चीनी मिल की अश्वनी इकाई को पीपीपी मोड़ में देने का निर्णय लिया वैसे ही कोंग्रेसी आग बबूला हो गए और नेता प्रति पक्ष सड़क पर कूद पड़े और नगर में सैकड़ो लोगो के साथ प्रदर्शन जुलुस निकाला और बाद में एसडीएम ऑफिस में धरना प्रदर्शन किया और एसडीएम को मुख्यमंत्री के सम्बोधित 5 सूत्रीय मांग पत्र सौपा
आपको बता दें कि 26 मई को बाजपुर की सहकारी चीनी मिल लि.बाजपुर की इकाई पीपीपी मोड पर देने का निर्णय लिया गया है। शासन प्रशासन के इस निर्णय पर कोंग्रेसी आग बबूला हैं। जिसको लेकर नेता प्रति पक्ष यशपाल आर्य के नेतृत्व में सैकड़ो की संख्या में चीनी मिल गेस्ट हाउस में एकत्रित हुए और नगर में एक भारी जुलुस निकाला और एसडीएम कोर्ट में एक सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया जहाँ उन्होंने एसडीएम को मुख्यमंत्री के सम्बोधित 5 सूत्रीय ज्ञापन सौपा। उन्होंने सौपे गए ज्ञापन में कहा कि वर्ष 2015 के पश्चात आसवनी का पान अनुभवहीन हाथों में सौंपने के कारण वर्ष 2017 में प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड द्वारा उत्पादन बन्द करा दिया गया, वर्ष 2017 के पूर्व से ही श्रम संगठनद्वारा एथोनी ई०एन०ए० निर्माण के लिये मल्टीपरपज प्लान्ट लगाने बार-बार पत्राचार संगठनों द्वारा प्रस्तुत किया गया। उचित मानते हुये मन्त्री पद पर रहते हुये 19 मार्च 2019 को मुख्य सचिव उत्तराखण्ड शासन को पत्र प्रचित हुये बाजपुर एथोनॉल ई०एन०ए० उत्पादन हेतु मल्टीपरपज प्लान्ट की स्थापना करने लिये एन०सी०डी०सी० से ऋण लेकर आधुनिकीकरण के लिये अनुरोध किया गया था, किन्तु शासन प्रशासन द्वारा समय रहते कोई निर्णय नहीं लिया गया। अब इस चीनी मिल की रीड की हड्डी कहलाई जाने वाली अश्वनी इकाई को पीपीपी मोड़ में देने का निर्णय लिया गया है जोकि सरकार की मंशा पर सवाल खडे होना लाजमी है।
उत्तराखंड के नेता प्रति पक्ष यशपाल आर्य ने मीडिया से रूबरू होते हुए खा कि बाजपुर कोऑपरेटिव शुगर मिल की डिस्टलरी को उत्तराखंड सरकार द्वारा पी पी पी मोड पर दिये जाने के विरोध में बाजपुर विधायक एवं नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने पुरजोर विरोध किया उन्होंने कहाँ कि सरकार की मंशा में खोट है जोकि अभी तक कई सरकारी सस्थान को प्राइवेट सेक्टर में दे दियाहै अब उत्तराखंड में चीनी मीलों को बेचना शुरू कर दिया है यह वह बर्दस्त नहीं करेंगे। सबसे पहले मुख्यमंत्री से अनुरोध करेंगे यदि नहीं माने तब उग्र आंदोलन करने पर बाध्य होंगे।