kashipur Dhela river : ढेला नदी के प्रकोप काशीपुर का जनजीवनी संकट
kashipur Dhela river : जनपद उधम सिंह नगर के काशीपुर में ढेला नदी (kashipur Dhela river) का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है ढेला नदी (Dhela river )ने अब तक छह घरों को अपनी आगोश में लेते हुए जमीदोज कर दिया है जिनकी वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई थी, उसके बाद ढेला नदी ने एक बार फिर अपना रूद्र रूप दिखाकर लगभग एक दर्जन से अधिक मकानों को नुकसान पहुंचाते हुए जीर्ण शीर्ण कर डाला है यही नहीं नदी ने वही एक मंदिर की बुनियाद को खोखला कर आधे मंदिर को अपने आगोश में ले लिया है।
उत्तराखंड में लगातार पड़ रही बारिश ने का तबाही का रूप धारण किया हुआ है उत्तराखंड में जगह-जगह तबाही के नजारे देखने को मिल रहे हैं तो वही जनपद उधम सिंह नगर के काशीपुर में लोग ढेला ( kashipur Dhela river) की तबाही से खौफजदा है। मौसम के अलर्ट होने के बाद यहां के लोग सारी सारी रात जाग कर गुजारते हैं। तस्वीरों में साफ नजर आ रहा है कि बस्ती में ढेला (river ) किनारे बसने वाले लोगों में से लगभग आधा दर्जन के आशियानों को इस नदी ने मलबे की शक्ल में तब्दील कर दिया है, और एक दर्जन से अधिक मकानों की बुनियादो को हिला कर उन्हे जीर्ण शीर्ण अवस्था में ला डाला है इन मकानों को कब ढेला नदी (kashipur Dhela river) निगल ले कुछ कहा नहीं जा सकता में,यही नहीं नदी ने आज एक मंदिर को भी अपने आगोश में ले लिया, ढेला नदी के इस रूप को देखकर स्थानीय लोगों में डर का माहौल बना हुआ है स्थानीय लोग लगातार जिम्मेदार अधिकारियों और चुने हुए जन प्रतिनिधियों से मदद की गुहार लगा रहे हैं, लोगों का आरोप है कि उनकी मदद के लिए कोई आगे नहीं आ रहा|
kashipur Dhela river : ढेला नदी के आगोश में बहे आसियानों पर अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष ने दी प्रतिक्रिया
वही दूसरी और काशीपुर एक प्रोग्राम में पहुंचे राज्य मंत्री व अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष मजहर नईम नवाब से इस बाबत सवाल किए गए तो उन्होंने कहा कि काशीपुर ही नहीं पूरे प्रदेश में बारिश ने भारी तबाही मचाई हुई है,लोगो के हुए नुकसान का आकलन और सूची बनाई जा रही है उसमे काशीपुर के भी लोग शामिल है जल्द ही ऐसे सभी परिवारों को दोबारा बसाने की सरकार की कोशिशें है।
kashipur Dhela river :क्या मिल पाएगा समस्या से निजात
kashipur Dhela river : एक तरफ कुदरत का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा एक के बाद एक मकान को अपने आगोश में ढेला नदी लेती हुई दिखाई दे रही है तो दूसरी ओर स्थानीय लोगों में चुने हुए जनप्रतिनिधियों को लेकर काफी आक्रोश बना है, कुदरत की मार झेल रहे पीड़ितों की सुनने वाला कोई नहीं एक के बाद एक आशियाना खत्म होते जा रहे हैं, ऐसे में देखने वाली बात होगी कि क्या कोई मसीहा बनकर इन लोगों की मदद के लिए आगे आता है या फिर हुए बारिश के कहर से एक के बाद एक नेस्तो नाबूद हो जाएगा