बाबा अवतार सिंह की याद में मनाया गया मुक्ति पर्व,
यामीन विकट
ठाकुरद्वारा : गुरुवार को संत निरंकारी सत्संग भवन पर निरंकारी भक्तों ने मुक्ति पर्व मनाया, जिसमें प्रचारक मोहन खुराना मुखी नजीबाबाद ने सद्गुरु के विचारों को साधसंगत के समक्ष रखा।
मोहन खुराना जी ने बताया कि 15 अगस्त 1964 को पहली बार मुक्ति पर्व,बाबा अवतार सिंह जी की पत्नी जगत माता बुद्धवंती जी की याद में मनाया गया था। उन्होंने आगे कहा कि मुक्ति पर्व के अवसर पर शहंशाह बाबा अवतार सिंह जी,निरंकारी राजमाता कुलवंत कौर जी,सतगुरु माता संविदर हरदेव,संतोख सिंह एवं अनन्य भक्तों द्वारा मानव को सत्य ज्ञान की दिव्य ज्योति से अवगत करवाने हेतु श्रद्धालुओं द्वारा हृदय से श्रद्धा सुमन अर्पित किये गये। इसी अवसर पर उनके प्रेरणादायी जीवन से शिक्षाएं भी सांझा की गयी। इन सभी संतों ने अनेक विषम परिस्थितियों के बावजूद अपने तप त्याग से मिशन को नई ऊँचाईयों तक पहुंचाया जिसके लिए निरंकारी जगत का प्रत्येक भक्त उम्र भर इनका ऋणी रहेगा। उन्होंने कहा कि हमें मानव तन पाने का शुकराना करना चाहिए, क्योंकि इसमें ही सतगुरु ने हमें निराकार ईश्वर के दर्शन कराए हैं। हम सबको सद्गुरु द्वारा दिए गए ब्रह्म ज्ञान को अपने आचरण में अपनाना चाहिए तथा अपने हम को मतकर जीवन जीना चाहिए। सद्गुरु के प्रति समर्पण तथा ज्ञान और कर्म के संगम को अपनाना चाहिए इसीलिए सतगुरु कहते हैं कि ब्रह्म ज्ञानी स्वयं निराकार होता है। इसलिए हमें हर पल सिमरन करते रहना चाहिए क्योंकि सतगुरु अंतर्यामी और सर्वव्यापी होता है।
सत्संग में मुखी ब्रह्म प्रकाश गुप्ता जी ,सेवादल संचालक डॉ.रामकुमार सिंह तथा खंड विकास अधिकारी ठाकुरद्वारा सुरेश कुमार गुप्ता सहित अनेको भक्तों ने अपने विचार रखें*। तथा हरपाल सिंह ने आई हुई साधसंगत का धन्यवाद व्यक्त किया और संगत के लिए लंगर की सेवा की। इस दौरान
मंच संचालन प्रेम प्रकाश सिंह ने किया।इस मौके पर सत्संग में रघुनाथ सिंह, मिन्टा सिंह, हरपाल सिंह,देवेंद्र नागपाल , हेमेंद्र प्रताप सिंह, दीपक कुमार,ओम प्रकाश सिंह, राकेश कश्यप, प्रवेश गुप्ता, डॉ कुलदीप सिंह,नरेश चंचल, मुकेश चौहान लकी,गगन कौर,वंदना चौहान, रितु गुप्ता, सुनीता अग्रवाल, प्रीति,सविता, शकुंतला, ईशम देवी, परिणीता, वैशाली,सुनीता कश्यप, सहित सैकड़ो भक्तों ने हिस्सा लिया।