Breaking News

संयुक्त किसान मोर्चा ने विभिन्न मांगो को लेकर किया प्रदर्शन,सोंपा ज्ञापन काशीपुर: भाजपा का कुनबा बढ़ता जा रहा है, दीपक बाली को चौतरफा समर्थन कार्यवाही नहीं हुई तो पीड़ित ने मुख्यमंत्री से लगाई गुहार जागा पुलिस प्रशासन, चाइनीज मांझे की बिक्री पर होगी कार्यवाही पैदल फ्लैग मार्च निकाल कर सीसीटीवी कैमरे लगवाने की अपील स्वामी विवेकानंद की जयंती पर हुआ गोष्ठी का आयोजन दिन दहाड़े बाइक हुई चोरी, तहरीर सत्संग भवन पर धूमधाम से मनाया गया भक्ति पर्व, New Ullu Web Series : Must-Watch Movies दीपक बाली की बाइक रैली में दिखी भाजपा की ताकत, चुनावी जीत की झलक Ayatul Kursi अतल कुर्सी : कुरान की सबसे पवित्र आयत गूगल पर हिट, ‘स्त्री’ और ‘स्त्री 2’ ने मचाया धमाल, जानें क्या है इन फिल्मों की खासियत Google Cloud Platform Fundamentals: Core Infrastructure – क्लाउड टेक्नोलॉजी का एक मजबूत आधार Google Cloud Platform Fundamentals: Core Infrastructure – सीखें Google क्लाउड की बुनियादी संरचना धोखाधड़ी कर बैंक से निकाल लिया बीमा पॉलिसी का पैसा, हड़पे 7 लाख 57 हजार
Advertisements

काशीपुर में मेयर चुनाव कांग्रेस के लिए मुश्किलें बढ़ीं संदीप सहगल की चुनावी नैया डगमगाई

अज़हर मलिक

 

Advertisements

काशीपुर का मेयर चुनाव हर दिन नया मोड़ ले रहा है। कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दलों में बगावती सुर उठ रहे हैं। लेकिन इस चुनावी रण में वही योद्धा सफल होगा, जो अपने डैमेज को संभाल सके। कांग्रेस के प्रत्याशी संदीप सहगल के लिए चुनौती और भी बड़ी है क्योंकि उनकी मैनेजमेंट टीम डैमेज कंट्रोल में असफल साबित हो रही है। संदीप सहगल, जो लंबे समय से इस चुनाव की तैयारी में जुटे थे, अब मुश्किल हालात का सामना कर रहे हैं।

 

 

 

 

हनीफ गुड्डू के मुद्दे पर बीजेपी के प्रत्याशी दीपक बाली ने कांग्रेस को इस तरह घेरा कि उनके वोट बैंक को नुकसान पहुंचा। कांग्रेस की मैनेजमेंट टीम इस प्रहार का प्रभावी जवाब देने में विफल रही, जिससे दीपक बाली को सीधा फायदा मिलता दिखाई दे रहा है। दिलचस्प बात यह है कि हनीफ गुड्डू कभी दीपक बाली के करीबी माने जाते थे, लेकिन कांग्रेस इस तथ्य का लाभ उठाने में नाकाम रही।

 

 

 

 

इसके अलावा, कांग्रेस अब तक उन बागियों को भी अपने पक्ष में लाने में असफल रही है, जो टिकट न मिलने की वजह से पार्टी से अलग हो गए। इन बागियों ने पार्षद प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतरकर कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने की ठान ली है। भले ही इन बागियों की जीत की संभावना कम हो, लेकिन उनके प्रभाव से कांग्रेस को बड़ा नुकसान हो सकता है।

 

 

 

 

निकाय चुनाव में पार्षद प्रत्याशियों की भूमिका अहम होती है क्योंकि वे डोर-टू-डोर जाकर वोटरों को जोड़ते हैं और मेयर प्रत्याशी के लिए माहौल बनाते हैं। लेकिन कांग्रेस के पार्षद प्रत्याशी इस मोर्चे पर भी कमजोर नजर आ रहे हैं। कांग्रेस की कमजोर रणनीति और बागियों की चुनौती ने संदीप सहगल की चुनावी नैया को मुश्किल में डाल दिया है। यदि कांग्रेस जल्द ही अपनी रणनीति में बदलाव नहीं करती, तो यह चुनाव उसके लिए एक बड़ी हार में बदल सकता है।

 

 

 

 

Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!